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वैदिक चेतना सम्मेलन: डीएवी के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित की परंपरा का निर्वहन

मुकुल शर्मा,
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के वैदिक चेतना सम्मेलन के आयोजन कराने की परंपरा का इस वर्ष सफलतापूर्वक निर्वहन किया गया।

कोरोना संक्रमण काल के चलते गत वर्ष वैदिक चेतना सम्मेलन का आयोजन कराना संभव नहीं हो पाया। लेकिन वर्तमान कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल ने लॉकडाउन की बाध्यता में शिथिलता मिलने पर कोविड गाइड लाइन के अनुरूप वर्चुअल वैदिक चेतना सम्मेलन का आयोजन कराकर स्कूल की परंपरा को गति प्रदान की।

स्कूल प्रांगण वेद ऋचाओं से गुंजायमान हुआ। अभिभावक और सैंकड़ों छात्र-छात्राएं के हृदय में ऋषि मुनियों के द्वारा रचित वेदों के ज्ञान की अनुभूति हुई।

डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली की प्रमुख संस्था हरिद्वार डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर आर्य समाज के नियमों के अनुरूप बच्चों को शिक्षित कर राष्ट्रभक्ति की अलख जगाने का कार्य करती है। बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रप्रेम और वेदों का ज्ञान में निपुण करती है।

पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने अपने आदर्श व्यक्तित्व और उच्च मापदंडों से स्कूल को सर्वश्रेष्ठ बनाने का कार्य किया। स्कूल प्रांगण में भव्य यज्ञशाला का निर्माण कराकर हवन यज्ञ करने की परंपरा की शुरूआत की।

इसी के साथ स्कूल के सभी अभिभावकों और बच्चों को वैदिक चेतना सम्मेलन के माध्यम से वेदों से जोड़ने का अभिनव प्रयोग किया। जिसको काफी सराहा गया। अभिभावकों ने वैदिक चेतना सम्मेलन के आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। जिसके बाद डीएवी स्कूल में प्रतिवर्ष वैदिक चेतना सम्मेलन के आयोजन कराने की शुरूआत हो गई।

इस आयोजन को शुरू करने का श्रेय डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली के प्रधान एवं आर्य रत्न डाॅ पूनम सूरी (पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित) को है। जिनके दिशा-निर्देशों पर कार्य करते हुए पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने वैदिक चेतना सम्मेलन की शुरूआत की। फिलहाल इस पुनीत कार्य को वर्तमान कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल बखूबी निभा रहे हैं।

25 अक्टूबर 2021 को वैदिक चेतना सम्मेलन के पहले दिन के कार्यक्रम सभी बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भेजे गए। जिनमें सबसे पहले कक्षा 1 एवं 2 के विद्यार्थियों ने गायत्री मंत्र, आर्य समाज के प्रथम दो नियमों का उच्चारण अति सुन्दर तरीके से किया गया।

विद्यार्थियों ने अपनी हस्त क्रियाओं द्वारा दर्शाया कि उन्हें यह मंत्र कितने सुन्दर तरीके से समझ में आए हैं। आशा है वह इसे जीवनभर याद रखते हुए वेदों को अपने जीवन में समाहित करेंगे।

इसके बाद श्रीमद्भगवद् गीता के प्रथम अध्याय के पहले बारह श्लोकों का उच्चारण कक्षा 5 एवं 6 के विद्यार्थियों द्वारा किया गया। जिनके हिन्दी अर्थ उनकी अध्यापिकाओं ने उन्हें समझाए, ताकि वह उन श्लोकों को हृदय में धारण कर उसका उच्चारण कर सकें।

उसके बाद स्वामी दयानन्द सरस्वती जो कि डीएवी के आधार हैं, के सम्पूर्ण जीवन पर एक सुन्दर नृत्य नाटिका -‘अब रस्ता कर दो खाली, आई फौज दयानन्द वाली’ प्रस्तुत की गई। बच्चों की यह प्रस्तुति अवश्य ही उन्हें स्वामी जी के जीवन से प्रेरणा लेकर उन्हें सद्मार्ग पर चलने को प्रेरित करेगी। 26 एवं 27 अक्तूबर को व्हाट्सगु्रप द्वारा सभी अन्य वेदों से जुड़ी तमाम जानकारी दी गई। अधिक से अधिक संख्या में अभिभावकों ने आनन्द उठाया।

कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने सभी अभिभावकों का धन्यवाद किया कि उन्होनें ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए अपने बच्चों को विद्यालय भेजा तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

​बताते चले कि डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल आदर्श विचारों और मूल्य परक शिक्षा पद्धति का जनक है। पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी की परंपरा का निर्वहन करना भी आर्दश सोच की परिचायक है।

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